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Friday, December 24, 2010

25 दिसम्बर बड़ा दिन

बड़ा दिन या क्रिसमस प्रभु ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसम्बर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व मे अवकाश रहता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। 25 दिसंबर यीशु मसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं है, और लगता है कि इस तिथि को एक रोमन पर्व या मकर संक्रांति (शीत अयनांत) से संबंध स्थापित करने के आधार पर चुना गया है। आधुनिक क्रिसमस की छुट्टियों मे एक दूसरे को उपहार देना, चर्च मे समारोह, और विभिन्न सजावट करना शामिल है। इस सजावट के प्रदर्शन मे क्रिसमस का पेड़, रंग बिरंगी रोशनियाँ, बंडा, जन्म के झाँकी और हॉली आदि शामिल हैं। सांता क्लॉज़ (जिसे क्रिसमस का पिता भी कहा जाता है हालाँकि, दोनों का मूल भिन्न है) क्रिसमस से जुड़ी एक लोकप्रिय पौराणिक परंतु कल्पित शख्सियत है जिसे अक्सर क्रिसमस पर बच्चों के लिए तोहफे लाने के साथ जोड़ा जाता है. सांता के आधुनिक स्वरूप के लिए मीडिया मुख्य रूप से उत्तरदायी है।
क्रिसमस को सभी ईसाई लोग मनाते हैं, और आजकल कई गैर ईसाई लोग भी इसे एक धर्मनिरपेक्ष, सांस्कृतिक उत्सव के रूप मे मनाते हैं। क्रिसमस के दौरान उपहारों का आदान प्रदान, सजावट का सामन और छुट्टी के दौरान मौजमस्ती के कारण यह एक बड़ी आर्थिक गतिविधि बन गया है और अधिकांश खुदरा विक्रेताओं के लिए इसका आना एक बड़ी घटना है।
दुनिया भर के अधिकतर देशों में यह २५ दिसम्बर को मनाया जाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या यानि 24 दिसंबर को ही जर्मनी तथा कुछ अन्य देशों में इससे जुड़े समारोह शुरु हो जाते हैं। ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में क्रिसमस से अगला दिन यानि 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहते हैं। आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को क्रिसमस मनाता है पूर्वी परंपरागत गिरिजा जो जुलियन कैलेंडर को मानता है वो जुलियन वेर्सिओं के अनुसार २५ दिसम्बर को क्रिसमस मनाता है, जो ज्यादा काम में आने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर में 7 जनवरी का दिन होता है क्योंकि इन दोनों कैलेंडरों में 13 दिनों का अन्तर होता है।

व्युत्पत्ति विज्ञान
गज् को अलग अलग देशों मे अलग अलग नाम से पुकारा जाता है, भारत और इसके पड़ोसी देशों मे इसे बड़ा दिन यानि महत्वपूर्ण दिन कहा जाता है। किसी देश पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिये सबसे अच्छा तरीका है कि वहां की संस्कृति, सभ्यता, धर्म पर अपनी संस्कृति, सभ्यता, और धर्म को कायम करो। 210 साल पहले, अंग्रेजों ने भारत में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। यह वह समय था जब ईसाई धर्म फैलाने की जरूरत थी। अंग्रेज, यह करना भी चाहते थे। उस समय 25 दिसंबर वह दिन था, जबसे दिन बड़े होने लगते थे। हिन्दुवों में इसके महत्व को भी नहीं नकारा जा सकता था। शायद इसी लिये इसे बड़ा दिन कहा जाने लगा ताकि हिन्दू इसे आसानी से स्वीकार कर लें।

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